कई बार हमारी कोई स्मृति हमें असमंजस में ला छोड़ती है कई बार हमारी कोई स्मृति हमें असमंजस में ला छोड़ती है
क्या निभाऊं जिम्मेदारी, ससुराल का एहसास मिला नहीं। क्या निभाऊं जिम्मेदारी, ससुराल का एहसास मिला नहीं।
खाने में प्यार के साथ साथ और जाने क्या क्या रस मिलाती थी मां। खाने में प्यार के साथ साथ और जाने क्या क्या रस मिलाती थी मां।
उठीं थीं आंधियाँ तब ही, जब आहट थी बहारों की। रुकी हर स्वप्न की डोली, प्रतीक्षा में क उठीं थीं आंधियाँ तब ही, जब आहट थी बहारों की। रुकी हर स्वप्न की डोली, प्...
मातृभूमि की लाज के खातिर सर्वश अपना लुटाऊंगा, इस माटी में जन्म लिया है, इस माटी में मातृभूमि की लाज के खातिर सर्वश अपना लुटाऊंगा, इस माटी में जन्म लिया है, ...
बस देना हमें अपने प्यार और अथाह संयम की सीख। बस देना हमें अपने प्यार और अथाह संयम की सीख।